क्या सूचना अधिकार आवेदक उपभोक्ता है ?
20 Feb, 2014देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है कि क्या सूचना अधिकार आवेदक उपभोक्ता है ? इस विषय पर शीर्ष उपभोक्ता अदालत में लंबित एक पुनरीक्षण याचिका संख्या RP/3146/2012 को जस्टिस के एस चौधरी एवं बी सी गुप्ता कि बेंच ने 18 फरवरी 2014 को इस मामले को कमीशन के फूल बेंच को रेफर कर दिया है। इस मसले पर कमीशन में 8 जनवरी 2014 को फाईनल बहस हुई थी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
जहां आर टी आई एक्टिविस्ट का मानना है कि आवेदन के साथ फीस का भुगतान एवं सूचना की लागत देने के बाद वो उपभोक्ता क़ानून के तहत एक उपभोक्ता है और उसे सूचना नहीं मिलने कि दशा में कंज्यूमर फोरम में शिकायत करके मुआवजा पाने का हक़ है, वही लोक प्राधिकारी इसे उपभोक्ता नहीं मानते।
खुद शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने जहाँ 28 मई 2009 को RP-1975 में यह फैसला दिया कि - सूचना अधिकार आवेदक एक उपभोक्ता है वही 31 मार्च 2011 को RP-4061 में फैसला दिया गया कि - सूचना अधिकार आवेदक उपभोक्ता नहीं है।
उपरोक्त विरोधाभाषी फैसले के कारण जहाँ निचली फोरम एवं कमीशन में एकरूपता समाप्त हो गई है वही सभी में कन्फ्यूजन है कि क़ानून कि सही स्थिति क्या है ? 18 फरवरी 2014 को उपरोक्त विरोधाभाषी फैसले को ध्यान में रखते हुए एवं इस कन्फ्यूजन को दूर करने के उद्देश्य से पुनरीक्षण याचिका संख्या RP/3146/2012 को फूल बेंच या लार्जर बेंच को निपटारे के लिए भेजा गया है।
With Regards.
(SANJAY KUMAR MISHRA)